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हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा का ऐलान, हर खेत में होगी बुआई

हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने रबी सीजन के लिए डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) की मांग को ध्यान में रखते हुए किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर किसान की जरूरतों को पूरा करने के लिए तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि “डीएपी की कमी के कारण कोई भी खेत बुआई से नहीं छूटेगा।” मंत्री ने किसानों की मांग के अनुसार डीएपी की लगातार आपूर्ति का वादा किया।

 

राणा ने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना 3 नवंबर से 11 नवंबर के बीच हरियाणा में कुल 46,495 मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी लाने की है। इस सप्लाई शेड्यूल में दैनिक आगमन शामिल हैं, जिसमें गेहूं और अन्य रबी फसलों के लिए महत्वपूर्ण खाद की मौसमी मांग को पूरा करने के लिए वितरण की व्यवस्था की गई है।

 

कृषि मंत्री ने आपूर्ति की समय-सीमा का विवरण देते हुए बताया कि राज्य में 3 नवंबर को 7,938 एमटी, 4 नवंबर को 12,007 एमटी, और 5 नवंबर को 5,350 एमटी, 6 नवंबर को 5,250 एमटी पहुंचा है। अब 7 नवंबर को 2,700 एमटी और 8 नवंबर को भी निर्धारित मात्रा में डीएपी की खेप आने की उम्मीद है। उन्होंने आगे जानकारी दी कि 9, 10, और 11 नवंबर को क्रमशः 2,650 एमटी प्रतिदिन डीएपी की सप्लाई की जाएगी। इस तरह कुल 46,495 एमटी डीएपी नौ दिनों में राज्य को प्राप्त होगा, जो कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, किसानों को आवश्यक डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।

 

श्याम सिंह राणा ने वर्तमान में डीएपी के भंडार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में वर्तमान में 6 नवंबर तक 28,670 मीट्रिक टन डीएपी का भंडार मौजूद है। किसानों को समय पर खाद पहुंचाने के लिए लगातार वितरण जारी है।

 

सरकार की तैयारियों को रेखांकित करते हुए, मंत्री ने कहा कि रबी सीजन के लिए कुल डीएपी की लगभग 70% मांग पहले ही पूरी की जा चुकी है। यह सीजन 24 सितंबर से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगा, और इस अवधि में खाद की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।

 

कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे पैनिक खरीदारी से बचें और आवश्यकता अनुसार ही डीएपी खरीदें ताकि आपूर्ति श्रृंखला संतुलित रहे। उन्होंने कहा, “अगर किसान केवल अपनी जरूरत के अनुसार डीएपी खरीदेंगे तो यह सुनिश्चित हो सकेगा कि हर किसान को आवश्यकता अनुसार खाद मिले और वितरण में किसी तरह की बाधा न आए।”

 

उन्होंने प्रदेश के किसानों के हितों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए बताया कि इन सक्रिय कदमों के साथ, हरियाणा का कृषि क्षेत्र किसानों को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराते हुए एक मजबूत बुआई सीजन की ओर अग्रसर है, जिससे प्रदेश की कृषि उत्पादन में भी वृद्धि की उम्मीद है।

 

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